डॉ. एनी बेसेंट
एनी बेसेंट का जन्म 1 अक्टूबर 1847 को लंदन शहर में हुआ था, किंतु अल्पायु में ही पिता की मृत्यु के बाद फ्रांस और जर्मन में अपनी शिक्षा पूर्ण करने के बाद , 1867 में उनका विवाह हो गया किंतु विचारों की असमानता के कारण 1874 में उनका तलाक हो गया ,इससे व्यथित होकर उन्होंने असहाय बच्चों की मां बनने का निर्णय लिया। एनी बेसेंट ब्रिटेन में संसद सदस्य के रूप में भी चुनी गई और अपनी कट्टरपंथी विचारधारा के कारण उनको विश्व में खूब सम्मान मिला।
सन 1893 में भारत आकर पश्चिमी भौतिकवादी सभ्यता की कड़ी आलोचना करते हुए हिंदू धर्म में गहरी दिलचस्पी ली , बाल गंगाधर तिलक के साथ मिलकर उन्होंने स्वराज संघ की स्थापना के साथ-साथ गीता के अनुवाद में भी योगदान दिया । भारतीय कांग्रेस ने उनकी प्रतिभा को महत्व देते हुएअपने एक अधिवेशन का अध्यक्ष भी निर्वाचित किया ,किंतु बाद में उस समय के सत्याग्रहयों से वैचारिक मतभेद के कारण भारत की राजनीति की मुख्य धारा से अलग हो गई तथा अपना शेष जीवन निर्धनों की सेवा और समाजवाद की स्थापना में व्यतीत किया ।
अपने जीवन के अंतिम समय में बीमारी के चलते हुए 20 सितंबर 1933 को उनका निधन हो गया , उनकी इच्छा के अनुसार उनका अंतिम संस्कार बनारस में गंगा नदी के किनारे किया गया।
भारत के इतिहास में उनके योगदान को सदैव ही श्रद्धा और पूर्ण सम्मान के साथ याद रखा जाएगा ।