1857 First Battle for Freedom
प्रथम स्वतंत्रता संग्राम जिसे भारतीय विद्रोह भी कहा जाता है इसकी शुरुआत 10 मई1857 को मेरठ से हुई , जो दिल्ली से 40 मील दूर उत्तर पूर्व में स्थित एक सैन्य शहर है इसकी शुरुआत ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की सेवा में सिपाही द्वारा एनफील्ड राइफल की प्रचलन के विरोध में विद्रोह के साथ हुआ इसके साथ-साथ कई राजनीतिक और आर्थिक कारण भी थे , जिन्होंने इस विद्रोह को बढ़ावा दिया जैसे बंगाल में स्थाई बंदोबस्त, मध्य भारत में महालवारी और दक्षिण भारत में रैयतवारी बस्तियां एवं कुछ सैनिक कारक भी इस विद्रोह के लिए प्रेरक सिद्ध हुए ।
यह विद्रोह दिल्ली ,आगरा, कानपुर , लखनऊ से अन्य शहरों में फैल गया ।
किंतु यह विद्रोह असफल रहा जिससे भारत में ब्रिटिश शासन की प्रकृति बदल गई 1858 में ब्रिटिश टाउन ने ईस्ट इंडिया कंपनी से भारत का नियंत्रण ले लिया और भारत एक ब्रिटिश उपनिवेश बन गया उस समय ब्रिटिश सरकार , गवर्नर जनरल के माध्यम से भारत में प्रत्यक्ष शासन करती थी ।
भारत में प्रथम बार “स्वतंत्रता संग्राम” शब्द का उपयोग विनायक दामोदर ने किया था ।
इस स्वतंत्रता संग्राम में दिल्ली के बहादुर शाह , लखनऊ की बेगम हजरत महल , कानपुर के नाना साहब एवं तात्या टोपे, झांसी की रानी लक्ष्मीबाई , बिहार के कुंवर सिंह राजस्थान के हरदयाल सिंह असम के मनीराम दत्त और उड़ीसा के सुरेंद्र शाही का नाम बहुत आदर और सम्मान के साथ लिया जाता है में लिया जाता है ।